23 February 2018

2391 - 2395 ज़िंदगी मोहब्बत प्यारी रंग बात ख्वाब हक़ीकत रुठ खुबसुरत शिकायत बेवफा बदल फुल शायरी


2391
मुझे बहुत प्यारी है,
तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी...
चाहे वो दिल का दर्द हो,
या.....आँखों का पानी......

2392
"किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है;
ख्वाबों मे रोज मिलता है जो,
हक़ीकत में आए तो क्या बात है."

2393
ऐ ज़िँदगी,
अब तू ही रुठ जा मुझसे...
ये रुठे हुए लोग,
मुझसे मनाए नहीँ जाते.......

2394
बहुत खुबसुरत होती हैं,
एक तरफा मोहब्बत...
ना कोई शिकायत होती हैं,
ना कोई बेवफा कहलाता हैं...

2395
वो अक्सर मुझे कहते हैं,
'बदल गए हो तुम'
उन्हें क्या पता.......

टूटे हुए फुलों के रंग,
बदल जाते हैं...

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