3076
मेरी ख्वाइशें तो,
आसमानतक पहुचनेकी हैं ...
पर मेरा चाँद ही,
धरतीपर हैं.........
3077
मैं क्यों पुकारू तुझे,
कि लौट भी आओ...
तुझे भी तो खबर हैं कि,
मेरे पास कुछभी नहीं तेरे सिवा…
3078
मोहब्बत रुहमें,
उतरा हुआ मौसम हैं जनाब...
ताल्लुक कम करनेसे,
ताल्लुक कम करनेसे,
मोहब्बत कम नहीं होती...!
3080
जरा ठहरो के बारिश हैं,
ये थम जाएँ तो फिर जाना...
किसीका तुमको छू जाना,
मुझे अच्छा नहीं लगता...
3079
तेरी कमी आज भी कोई पूरी नहीं कर
सकता...
पता नहीं वजह तेरी खूबी हैं या मेरी
कमजोरी...
3080
जरा ठहरो के बारिश हैं,
ये थम जाएँ तो फिर जाना...
किसीका तुमको छू जाना,
मुझे अच्छा नहीं लगता...