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21 October 2018

3456 - 3460 याद तन्हाई खुशियाँ ग़म नजर अंदाज आँख फिकर ज़िन्दगी मौजूद लम्हा महसूस शायरी


3456
मिले किसीका साथ,
तो हमें याद करना;
तन्हाई महसूस हो तो,
हमें याद करना;
खुशियाँ बाटनेके लियें,
दोस्त हजारो रखना;
जब ग़म बांटना हो,
तो हमें याद करना...!

3457
ये नजर-ए-अंदाज भी,
क्या खूब चीज हैं...
मैने उसे हमेशा बंद आँखोंसे,
महसूस किया हैं...
और एक वो हैं,
जिसने मुझे देखकर भी,
अनदेखा कर दिया हैं.......

3458
जब तुम
मेरी फिकर करते  हो ना...
तब ज़िन्दगी;
ज़िन्दगी सी महसूस होती हैं !!!

3459
उनकी मौजूदगी महसूस वो करे,
जो जुदा हो उनसे...
मैने तो अपने आपमें
उन्हें बसाया हैं.......!

3460
लोग कहते हैं बिना देखे,
कुछ महसूस नहीं होता...
पर हम तो बिना देखे,
उन्हे हर पल, हर लम्हा,
महसूस करते हैं.......!