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25 September 2016

571 लिख याद हाथ साथ रुक भूल दोस्त शायरी


571

Dost, Friends

लिखते लिखते आज हाथ रुकसे गए,
कुछ लम्हे याद आये कुछ भूलसे गए,
जो साथ ना होकर भी , साथ हो हमारे,
ऐसे दोस्त कहाँ खोसे गए......

Hands got stuck up while Writting,
Some moments Remembered, Some Forgotten,
Those are not with me , still being together,
Where Lost those Friends.......

24 September 2016

570 लिख याद हाथ साथ रुक भूल दोस्त शायरी


570

Jiddi, Obstinate

सुना हैं तुम,
ज़िद्दी बहुत हो,
इश्क़में मुझे भी अपनी,
जिद्द बना लो

I have heard that,
You are very Obstinate,
Make me In the Love,
Your Obstinate...