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9 May 2017

1302 साक़ी गिला शराब आँखें होश शायरी


1302
साक़ीको गिला हैं कि,
उसकी बिकती नहीं शराब...
और एक तेरी आँखें हैं कि,
होशमें आने नहीं देतीं...