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8 March 2017

1056 सिर्फ़ रिश्ते ख़त्म सही भ्रम शायरी


1056
" ना जाने कितने रिश्ते,
ख़त्म कर दिये इस भ्रमने,..!
कि मैं सही हूँ,
और सिर्फ़ मैं ही सही हूँ "...!!!