25 December 2016

878


हमें क्या पता था,
महोब्बत हो जाएगी,
हमें तो बस तेरी बातें,
अच्छी लगती थी…!!!

877


अभी जरा वक़्त है
उनको हमे आजमाने दो।
रो रो के पुकारेंगे हमे ;
जरा वक़्त तो आने दो।

876


तूम हमे कभी दिल
कभी आखो से पूकारो,
ये ओठो का तकल्लूफ
तो जमाने के लीए है...

23 December 2016

875


पहली मुलाकात थी,
हम दोनों ही थे बेबस;
वो जुल्फें संभाल पाए...
और हम खुद को।

874


पीना तो मुझे 
आता भी नहीं था,
वो तो तेरी दो पल कि मोहब्बत ने 
मुझे शराबी बना दिया ...

873


हमने कब माँगा है तुमसे
वफाओं का सिलसिला;
बस दर्द देते रहा करो,
मोहब्बत बढ़ती जायेगी !

872


कभी थक जाओ तुम,
दुनिया की महफ़िलों से,
हमें आवाज़ दे देना,
हम अक्सर अकेले होते हैं . . . ।

871


हम इतने खूबसुरत तो नही है,
मगर हाँ...!
जिसे आँख भर के देख ले...
उसे उलझन मेँ डाल देते हॆ !!!

22 December 2016

870


यह यादों का ही रिशता है,
जो छूटता नहीं;
वरना मुद्दत हुई कि वो,
दामन छुडा चले गए।

689


कितना प्यार है तुमसे
वो लफ्ज़ो के सहारे कैसे बताऊ,
महसूस कर मेरे एहसास,
गवाही कहाँ से लाऊ...

868


खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह
ताश के पत्ते;
बिखरने के बाद उठाने
वाला तो कोई है इनको।

867


हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क,
जन्नत की सैर करा देता है इश्क,
दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत,
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क…

866


इश्क़ में हमने वही किया,
जो फूल करते हैं बहारों में;
खामोशी से खिले... महके,
और फिर बिखर गए।

865


आज कुछ नही ,
मेरे पास लिखने के लिए...
शायद मेरे हर लफ्ज़ ने
खुद-खुशी कर ली है...

864


घरों पे नाम थे,
नामों के साथ ओहदे थे ,
बहुत तलाश किया,
कोई आदमी न मिला...

863


हो सके तो
अब कोई सौदा ना करना...!
मैं पिछली महोब्बत में,
जिन्दगी हार आया हूँ...!!

862


काजल  की पहरेदारी में,
कुछ तो खामी है .....
दबे  पाँव तेरे सपने,
आ जाते हैं आँखों में.....!!

21 December 2016

861


तेरे बिन तो सिर्फ साँसे चलती है
जिंदगी तो वो होती है
जब तू पास...
होती है...

860 दुआ कबूल वख्त शायरी


दुआएं रद्द नही होती ,
बस
बहेतरीन वख्तपे,
कबूल होती है  . . . !

859


"किस जगह रख दूँ मैं .......
तेरी यादों के चिराग को,
कि उससे रौशन भी रहूँ.......
और हथेली भी जले".......