22 December 2016

862 आँख काजल पहरेदारी खामी दबे पाँव सपने शायरी


862

खामी, Flaws

काजलकी पहरेदारीमें,
कुछ तो खामी हैं......
दबे पाँव तेरे सपने,
आ जाते हैं आँखोंमें......!

Under the guard of Kajal,
There are some flaws...
Quietly your dreams are ,
Slips into my eyes...!

No comments:

Post a Comment