7 December 2016

817 रग वाकिब नस पहचान शक्स शायरी


817

Nas, Vein

रग रगसे वाकिब हैं,
नस नसको पहचानता हैं,
मुझे खुदसे ज्यादा…
वो शक्स पहचानता हैं

He knows Bit and Bit,
Recognises my Vein and Vein,
More than me...
He knows me well .

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