26 December 2016

885 दिल प्यार समझ बेक़रार नादान पागल अमानत इंतज़ार शायरी


885

अमानत, Property

कितना समझाया दिलको,
कि तू प्यार ना कर;
किसीके लिए खुदको,
बेक़रार ना कर;
वो तेरे लिए नहीं हैं नादान;
पागल,
किसी औरकी अमानतका इंतज़ार ना कर...

How much did I explain to you, my heart?
That you don't fall in love;
For someone else,
Don't be restless;
She is not for you silly person;
O crazy one,
Don't wait for someone else's property...

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