26 December 2016

888 दिल मोहब्बत बेजुबा धडकन वजूद दु:ख करीब बारिश साथ शायरी


888

वजूद, Existence

मेरी मोहब्बत बेजुबा होती रहीं,
दिलकी धडकनें अपना वजूद खोती रहीं l
कोई नहीं आया मेरे दु:खमें करीब,
एक बारिश थी जो मेरे साथ रोती रहीं ll

My love remained speechless,
Heartbeats kept losing their existence.
No one came close to me in my sorrows,
There was a rain that kept crying with me.

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