8 December 2016

825 मोहब्बत अजीब दस्तूर रूठ टूट शायरी सोच सिवा शायरी


825

Dastoor, Manners

अजीब दस्तूर हैं,
मोहब्बतका,
कोई रूठ जाता हैं,
कोई टूट जाता हैं...

Strange Manners are there,
Of Love,
Some get Upset,
Other Breaks down...

No comments:

Post a Comment