25 December 2016

877 वक़्त आजमा रोके पुकार शायरी


877

आजमा, Attempt

अभी जरा वक़्त हैं,
उनको हमें आजमाने दो।
रो रोके पुकारेंगे हमे ;
जरा वक़्त तो आने दो।

There is still some time,
Let her make an attempt on me.
Will cry and call me;
Just let time come.

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