25 May 2017

1347 जुदाई बर्बाद तल्ख़ लहज़े हज़ार शायरी


1347
जब मैने कहां तुम्हारी जुदाई,
बर्बाद कर देगी मुझे......
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़ेमें कहां,
बर्बाद हज़ारों हैं,
एक तुमभी सहीं......!

1346 इंतजार टूटा हसते पत्थर शायरी


1346
लोग इंतजार करते रहें,
कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि,
हसते-हसतेपत्थरके हो गए. . .

24 May 2017

1345 गाल खातिर बिखर जमीन शायरी


1345
तेरे गालोमें लगनेके खातिर,
गिर गया जमीनपर...
हाँ, होलीका वहीं,
बिखरा हुआ गुलाल हूँ मैं…

1344


अजीब सी बस्ती में
ठिकाना है मेरा,

जहाँ लोग मिलते कम,
झांकते ज़्यादा है...!

1343


जिंदगी में अपनापन तो
हर कोई दिखाता है…
पर अपना हैं कौन ?

यह वक़्त ही बताता है…

1342


हम दिल के सच्चे ज़ज़्बात लिखते है ,

अपनी नहीं सबके मन की बात लिखते है...!!

1341


जब वो अपने हांथो की लकीरों में,
मेरा नाम ढूंढ कर थक गयी...
"तो सिर झुकाकर बोली...
लकीरें तो झूठ बोलती है...

तुम सिर्फ मेरे हो…....

23 May 2017

1340 सजदे दुआएँ हमदम खुशी जिंदगी शायरी


1340
मेरे सजदेकी दुआएँ,
तुम क्या जानो हमदम…
सर झुका तो तेरी खुशी माँगी,
हाथ उठे तो तेरी जिंदगी . . .

1339 बात फितरत खता याद शायरी


1339
कुछ तो बात हैं
तेरी फितरतमें ऐ यार;
वरना तुझको याद करनेकी
खता हम बार-बार न करते !

1338 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1338
हमारी "क़द्र" होगी उन्हें,
"तनहाईयों" में...
अभी तो बहुत लोग हैं,
उनके पास दिल्लगीके लिए...!!!

1337 क़द्र तनहाई दिल्लगी शायरी


1337
सभी पुराने ठौर ठिकाने,
टोक रहे हैं आते - जाते,
मैं भी खुश हूँ, तुम भी खुश हो ,
काश के "हम" भी खुश हो पाते.....!

1336 जिंदगी खत्म बाद याद शायरी


1336
लो खत्म कर रहें हैं जिंदगी,
तेरे जानेके बाद l
पर तुम याद तो आओगे ही मुझे,
मर जानेके बाद…ll

22 May 2017

1335 यार बाजार गम शायरी


1335
ये आप कहाँ घूमते हो यार...
ये तो बस गमका हैं बाजार...

1334 तक़दीर सिलसिला वक़्त गुजार शायरी


1334
अपनी तक़दीरमें तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा हैं,
किसीने वक़्त गुजारनेके लिए अपना बनाया,
तो किसीने अपना बनाकर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

1333 अनजान गुज़र दूर पहचान शायरी


1333
वो अब पाससे अनजान बनकर,
गुज़र जाते हैं !
जो कभी हमको दूरसे पहचान,
लिया करते थे.......

1332 हक़ दुआ चाह शायरी


1332
वैसे इतना हक़ तो बनता हैं
मेरा तुमपर... बस,
यहीं दुआ हैं कि...
मेरी तरह कोई और न चाहे तुम्हें...

1331 दिल इजाजत गुलजार गुलशन बिरान बाद दरबाजे शायरी


1331
इजाजत किसे दें दिलमें आनेकी,
सब दरबाजे बन्द कर लिये,
तेरे जानेके बाद;
गुलजार था जो गुलशन,
तुजे पानेके बाद,
बिरान हैं हबेली,
तेरे जानेके बाद...

21 May 2017

1330 ज़िन्दगी खोना याद ग़म खोया ख्वाब कम लाजवाब शायरी


1330
“​ज़िन्दगीमें कुछ खोना पड़े तो...
यह दो लाइन याद रखना ,
"जो खोया हैं उसका ग़म नहीं,
जो पाया हैं वह किसीसे कम नहीं,
जो नहीं हैं वह एक ख्वाब हैं,
और जो हैं वह लाजवाब हैं…!"

1328 साँस दुनियाँ जरूरत रुख़्सत पता शायरी


1328
साँसोंकी जरूरत उन्हें होती हैं,
जिन्हें पता होता हैं,
की अब वो इस दुनियाँसे
रुख़्सत होने वाले हैं

1329 दिल उतर शायरी


1329
दिल करता हैं
तेरे दिलमें उतरकर देखू…….
कौन हैं उसमे जो,
मुझे बसने नहीं देता . . . !