22 May 2017

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अपनी तक़दीर में तो कुछ,
ऐसा ही सिलसिला लिखा है,
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया,

तो किसी ने अपना बना कर,
वक़्त गुज़ार लिया.......

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