21 May 2017

1328 साँस दुनियाँ जरूरत रुख़्सत पता शायरी


1328
साँसोंकी जरूरत उन्हें होती हैं,
जिन्हें पता होता हैं,
की अब वो इस दुनियाँसे
रुख़्सत होने वाले हैं

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