9 May 2017

1305 लिख पता ढूंढ अल्फाज़ शायरी


1305
आ, लिख दूं आज कुछ तेरे बारेमें...
मुझे पता हैं,
तू रोज ढूंढती हैं,
खुदको मेरे अल्फाज़ोमें . . . !

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