26 May 2017

1355 दिन ख्वाब थक आँख रोया शायरी


1355
इक दिन हमारी आँखोंने भी,
थककर कह दिया...
की ख्वाब वो देखा करो जो पूरा हो,
रोज रोज हमसे भी,
रोया नहीं जाता......

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