3 May 2017

1281 हाल डरता आवाज सुनी कम्बख्त मोहोब्बत शायरी


1281
हाल तो पुछ लूँ तेरा...
पर डरता हूँ आवाजसे तेरी,
जब जब सुनी हैं...
कम्बख्त मोहोब्बत ही हुई हैं...!

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