29 May 2017

1357 जीवन नया उड़न खुशबु फुल याद शायरी


1357
जी लुंगा नया जीवन,
तेरी यादोंमें बैठकर...
खुशबु जैसे फुलोमें,
उड़नेपें रह जाये...!

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