19 May 2017

1319 दिल अश्क गिला रुला किताब खुशि पन्ना ढूंढ जला शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


1319
ना कर गिला मेरे बहते अश्कोंका,
मेरे दिलको सभीने रुलाया हैं,
न ढूंढो मेरे दिलके किताबमें खुशियोंका पन्ना...
हर एक पन्ना मेरे किसी अपने ने ही जलाया हैं...

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