20 May 2017

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दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,

हम खुद को न जलाते तो और क्या करते . . . !

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