2 May 2017

1271 दिल जुबान सच्चे रिश्ते अकेले बाजार शायरी


1271
क्या करे, रिश्तोंके बाजारमें आजकल…
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
जैसे हम हैं साहेब...
जो दिल और जुबानके सच्चे होते हैं . . . !

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