6 May 2017

1294 दुनियाँ खत्म रंग गुलाल शोखियाँ यार बेरंग लौट शायरी


1294

रंग, Colours

लो खत्म हुई,
रंग-ऐ-गुलालकी शोखियाँ;
चलो यारो फिर,
बेरंग दुनियाँमें लौट चले . . . ।

It's over,
The joys of colours;
Come on guys,
Let's go back to the colorless world. . .

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