21 May 2017

1327 दर्द सुना जमाना तालियाँ गूँज महफ़िल शायरी


1327
यह भी एक जमाना,
देख लिया हमने...
दर्द जो अपना सुनाया,
तो तालियाँ गूँज उठी महफ़िलमें ।

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