25 May 2017

1350 दुनियाँ कदर मशरूफ दिन मेहमान बुरा शायरी


1350
इस कदर हो गयी,
मशरूफ दुनियाँ...
एक दिन ठहरे तो,
मेहमान बुरा लगता हैं...

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