3 May 2017

1282 समझौता चाह गलत अजीब बात न्याय शायरी


1282
"कितनी अजीब बात हैं;
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं...,
और दुसरे गलत होते हैं तो,
हम न्याय चाहते हैं...!

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