21 November 2016

764 दिल आँख शख्स लिख काम कलम नशा शराब शायरी


764

Nasha, Intoxicate 

ये  “ शायरी ”  लिखना उनका काम नहीं,
जिनके दिल ”  आँखोंमें बसा करते हैं ;
“ शायरी ”  तो वो शख्स लिखते हैं,
जो शराबसे नहीं  “ कलम ”  से नशा करते हैं
Writting a " Poem " is not their Cup of Tea,
Whose " Heart " lives in Eyes ;
The One who write the " Poem "
Who Intoxicates not with Wine but with " Quill "...

763 आँख बहक करिश्मा शायरी


763

Karishmaa, Magic

आँखोंमें उनकी कोई,
करिश्मा ज़रूर हैं,
वो जिसको देखले,
वो बहकता ज़रूर हैं…
In her Eyes some,
Magic is There,
Whomever she Looks at,
Surely goes Crazy...

762 देख एहसास ग़म ख़ास शायरी


762

Khaas, Special

देखकर उनको अकसर,
हमें एहसास होता हैं,
कभी कभी ग़म देने वाला भी,
कितना ख़ास होता हैं !!!
Looking at Her,
I Get Realization,
Sometimes who Gives the Pain also,
Is the Special One !!!

761 ज़िन्दगी इम्तेहान मर्ज़ी वक़्त शायरी


761

Marjee, Wish

और कितने इम्तेहान,
लेगा ए वक़्त तू...!
ज़िन्दगी मेरी हैं,
फिर मर्ज़ी तेरी क्यों...!!!
How many Tests
You will conduct Oh Time ...!
Life is Mine
Then Why your Wish ...!!!

760 रूह तरस खुशबू महक शायरी


760

Khooshboo, Fragrance 

मेरी रूह तरसती हैं,
उनकी खुशबूके लिए...
वो कहीं और जाके,  
" महके " तो बुरा लगता हैं…
My Soul Aspires
For her Fragrance...
When she goes Somewhere and
" Fragrant " That Hurts me... . . . .

759 प्यार नज़र मोहब्बत शायरी


759

Mere Seeva, Other Than Me

एक बार उसने कहां था,
मेरे सिवा किसीसे प्यार ना करना !
बस फिर क्या था ?
तबसे मोहब्बतकी नज़रसे,
हमने खुदको भी नहीं देखा !!!
Once she said,
Do not Love
Anybody other than me !
So What was there ?
From that Moment with Love
Never looked at Myself even !!!

758 हौसला मंज़र प्यास समंदर मजा मंजिल मुसाफ़िर शायरी


758

Manzil, Destination

"रख हौसला वो मंज़र भी आयेगा,
प्यासेके पास चलकर समंदर भी आयेगा...!
थककर ना बैठ, मंजिलके मुसाफ़िर,
मंजिल भी मिलेगी और,
जीनेका मजा भी आयेगा...!!!"

"Maintain the Courage, Time will arrive
Ocean shall move to the Thirsty one...!
Do not rest being Tired, A Wayfarer of Destination,
You will achieve the Destination and
You will Enjoy too...!!!"

757 जिंदगी ख़ुशी बदल शर्त शायरी


757

Shirth, Terms

"ख़ुशी उनको नहीं मिलती,
जो अपनी शर्तोंपें जिंदगी जिया करते हैं,
असली ख़ुशी तो उनको मिलती हैं,
जो दुसरोंकी ख़ुशीके लिए,
अपनी शर्तोंको बदल दिया करते हैं"...!!!

"They don't get Pleasure,
Who lives on their Terms,
The One who gets The Real Happiness,
Who for other's Happiness,
Alters own Terms" ...!!!

756 भीगी आँख मुस्करा मज़ा हँसते पलके भीग बात समझ खामोशी शायरी


756

Khaamoshee, Quiescence

भीगी आँखोंसे मुस्करानेमें मज़ा और हैं,
हँसते हँसते पलके भीगनेमें मज़ा और हैं,
बात कहके तो कोई भी समझलेता हैं...
पर खामोशी कोई समझे तो,
मज़ा और हैं…!

Smiling with Full of Tears has a different Pleasure,
Drooping in Wet while Laughing has another Pleasure,
Anybody would understand if Explained...,
Though if someone understands Quiescence,
Its a Great Pleasure...!

17 November 2016

755 वाक़िफ़ निशाँ ढूँड आदाब सफ़र पानी क़दम शायरी


755

Nishaan, Footprints

शायद कि वो वाक़िफ़ नहीं,
आदाब--सफ़रसे,
पानीमें जो क़दमोंके,
निशाँ ढूँड रहा था !
May be He is not aware of
Politeness of Wayfaring,
As He was Searching
Footprints in the Water !

754 मज़हब दौलत ज़ात घराना सरहद ग़ैरत खुद्दारी चादर चूहे मोहब्बत शायरी


754

Choohe, Rats

मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना,
सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
एक मोहब्बतकी चादरको,
कितने चूहे कुतर गए
Religion, Wealth, Cast, Dynasty,
Border, Unethical, Selfishness,
To the Quilt of  Love,
So many Rats Gnawed...

753 महक गुलाब जरूरत हवा प्यार याद शायरी


753

Mahek, Ambrosial

महक उठती हैं हवाएँ भी,
सिर्फ उनकी यादोंसे...
बता मेरे प्यारको,
गुलाबोंकी जरूरत क्या हैं...?
Winds are Ambrosial
Only with her Memories...
Tell me for my Love
Why Roses are needed...?

752 जिंदगी संभाल सुकून तलाश लोग बेचैनी शायरी


752

Bechainee, Discomfort

एक सुकूनकी तलाशमें,
न जाने कितनी बेचैनीयाँ पाल ली,
लोग कहते हैं,
हम बडे हो गए हैं और,
हमने जिंदगी संभाल ली...
In Search of Relaxation
Don't know How may Discomforts are maintained,
People says,
I am Grown up and
I managed Life...

751 दिल सजा प्यार मस्ती वक़्त गैर यार शायरी


751

Yaaree, Friendship

प्यारकी मस्ती किसी दुकानमें नहीं बिकती,
अच्छे दोस्तोंकी दोस्ती हर वक़्त नहीं मिलती,
रखना सदा दोस्तोंको दिलमें सजाकर,
क्योंकि यारोंकी यारी कभी...
गैरोंसे नहीं मिलती।


Soberness of Love is not sold in Shop,
Friendship of Good Friends doesn't get every time,
Always keep friends Garnished in the heart,
Because Friendship of Friends is not available
with Strangers .

749 प्यार पल इंतज़ार दुश्वार पराये अजनबी ऐतबार शायरी


749

Ajanabee, Stranger

क्यों किसीसे इतना प्यार हो जाता हैं...
एक पलका इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता हैं...
लगने लगते हैं अपने भी पराये,
और एक अजनबीपर ऐतबार हो जाता हैं !!!

Why with someone Love is at Extreme !
Waitting for a Moment becomes so Miserable !
Our Own Feels like Adultery !
And we start Believing a Stranger !

750 बेखबर दोस्त खैरियत ज़रूरत महसूस बातें शायरी


750

Khairiyat, Welfare

बेखबर हो गए हैं कुछ दोस्त हमसे,
जो हमारी ज़रूरतको महसूस नहीं करते.
कभी बहुत बातें किया करते थे हमसे,
अब खैरियत तक नहीं पूछते…!!!

Few Friends have become Unacquainted,
Who doesn't feel like the Need.
Once Upon a Time chatting a lot with me,
Now doesn't even ask about Welfare...!!!

747 अदा रुठ हसीन उम्र कोशिश शायरी


747

Manaane ki AAdaat, Style of Persuading

हमारे मनानेकीदा,
इतनी हसीन होगी...
की तुम उम्रभर,
रुठे रहनेकी कोशिश करोगी...!
My Style of Persuading
Shall be so Beautiful ...
That for whole the Life
You will Try to be Sullen...!

748 जिन्दगी उम्रने तलाशी लम्हे बरामद ग़म नम टूटे सलामत शिकायते शायरी


748

Talaashee, Perquisition

उम्रने तलाशी ली,
तो जेबोंसे लम्हे बरामद हुए
कुछ ग़मके,
कुछ नम थे,
कुछ टूटे,
कुछ सही सलामत थे
शिकायते तो बहुत हैं
तुझसे जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूँ  कि,
जो दिया तूने वो भी
कहाँ पूरा जीया हमने !
When Age took Perquisition
Recovered Moments from Pockets...
Some of Sorrow,
Some were Damped,
Some Broken,
Some were Safe...
Lots of Complaints are there,
With you Life,
I am quiet because,
Whatever you Gave
Ever had Lived myself !

746 दीदार आँखें कशिश कलम बयाँ बात शायरी


746

Deedaar, Sight

तुम्हारा दीदार...और वो भी...
आँखोंमें आँखें डालकर,
ये कशिश...कलमसे बयाँ करना भी,
मेरे बसकी बात नहीं...
Your Sighting and that also...
With Eye to Eye Contact
To express this Attractiveness with a Pen,
Is not my Cup of Tea...

15 November 2016

745 अंदाज जमाने ठोकर सीधा शायरी


745

Seedha, Docile

मेरा यहीं अंदाज,
जमानेको खलता हैं,
इतनी ठोकरोंके बाद भी...
ये सीधा कैसे चलता हैं !!!
My this Style
Is intolerant to Society,
Even after stumbling so many times...
How he is Docile !!!