3611
आँखोंमें बसके,
दिलमें
समाकर चले
गए...
ख्वाबिदा
जिन्दगी थी,
जगाकर चले गए.......
(ख्वाबिदा = ख्वाबकी तरह)
3612
गझलकी तरह
खुबसुरत हो तुम,
आफताबकी तरह
रोशन हो तुम...
दिल भर आये
सुरत देखकर,
खुदा कसम लाजवाब
हो तुम...
3613
ए दिल,
चल
एक सौदा करते
हैं,
मैं उसके लिए
तड़पना छोड़ देता
हूँ...
तू मेरे लिए
धड़कना छोड़ दे.......!
3614
यूँ नज़रसे
बातकी,
और
दिल चुरा ले
गये;
हम तो अजनबी
समजते थे आपको...
आप तो हमको अपना बना
गये...
अपने दिलक़ी अदालतमें,
ज़रूर ज़ाएं...
सुना हैं, वहाँ क़भी,
ग़लत फ़ैसले नहीं हुआ क़रते !