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1 April 2017

1175 दिल दर्द नुमाईश बयाँ लोग टूट लफ्ज दास्तान समझ शायरी


1175
कर अपने दर्द--दिलकी,
नुमाईश शायरीमें बयाँ, फ़राज़।
लोग और टूट जाते हैं,
हर लफ्जको अपनी दास्तान समझकर.......