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11 February 2017

956 दिल प्यार वादे जिक्र मोहब्बत बाजार डर सोच रुसवाई ऐतबार शायरी


956

रुसवाई, Ignominy

वादेपें वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते;
डरता हैं दिल उनकी रुसवाईसे,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते ।।

They don't believe in promises,
We do not mention love openly;
The heart is afraid of her ignominy,
And they think I don't love them.