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13 July 2019

4476 - 4480 दिल मुहोब्बत रिश्ते जिंदगी कबूल ख्वाहिश मुश्किल अंदाज शख्स दर्द शायरी


4476
रिश्ते तो बहुत होते हैं,
पर जो दर्द बांटने लगे...
लगे हीं रिश्ता हैं.......!

4477
मैने कभी दर्दकी नुमाइश नहीं की,
जिंदगीसे जो मिला कबूल किया 
किसी चीजकी फरमाइश नहीं की,
मुश्किल हैं समझ पाना मुझे क्योंकि 
जीनेके अलग हैं अंदाज मेरे,
जब जहां जो मिला अपना लिया,
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की ।

4478
हर शख्स परिन्दोंका,
हमदर्द नही होता दोस्तो;
बहुत बेदर्द बैठे हैं दुनियामे,
जाल बिछाने वाले...!

4479
कौन कहता हैं,
दर्दके लिये सिर्फ मुहोब्बत जिम्मेदार होती हैं...
कम्बख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती हैं,
अगर दिलसे हो जाये तों.......!

4480
एक हदके बाद,
दर्द भी दवा बन जाता हैं;
एक हदके बाद,
झूठ भी सच बन जाता हैं;
यही हैं असलियत जिंदगीकी,
एक हदके बाद,
दुश्मन भी दोस्त बन जाता हैं...!