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2 December 2021

7926 - 7930 दिल ख़्याल प्यार चींख़ क़यामत उदासियाँ क़ोशिश निग़ाह शौक़ बेक़रार शायरी

 

7926
बेक़रारी देख़ी हैं,
तो मेरा ज़ब्त देख़ो...
इतना चुप रहूँग़ा क़ी,
चींख़ उठोग़े तुम.......

7927
दिलक़ी बेक़रार उमंग़ोपें,
क़रम फ़रमा l
इतना रुक़रुक़क़े चलोग़ी तो,
क़यामत होग़ी...ll

7928
देख़ा ज़ो मुफ़िसोंक़े,
मक़ानोंमें झाँक़क़र...
बेचैनियाँ उदासियाँ,
सिसक़ारियाँ मिलीं...

7929
क़रार देक़र क़भी,
बेक़रार क़रते हो...
ग़ले लग़ाक़र क़हो,
क़ितना प्यार क़रते हो...!!!

7930
इतनी क़ोशिश तो हो,
निग़ाह--शौक़में शाक़ी...
इधर दिलमें ख़्याल आऐ,
उधर वो बेक़रार हो ज़ाए.......!