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बहुतसे लोग हैं,
तस्वीरमें अच्छे बहुत अच्छे...
तेरे चेहरेपें ही मेरी नज़र,
हरदम ठहरती हैं...!
उमेश मौर्य
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रंग ख़ुश्बू और मौसमका,
बहाना
हो गया…
अपनी
ही तस्वीरमें,
चेहरा
पुराना हो गया ll
खालिद
गनी
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एक कमी थी ताजमहलमें,
मैने तिरी तस्वीर लगा दी !
कैफ़ भोपाली
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जो
चुप-चाप रहती थी दीवारपर,
वो
तस्वीर बातें बनाने लगी…!
आदिल
मंसूरी
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मुझको अक्सर उदास करती हैं,
एक तस्वीर मुस्कुराती हुई…!
विकास शर्मा राज़