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31 October 2016

685 मुस्कुरा नजर मोहब्बत जमाने आँख शायरी


685

Aankh, Sight

कभी इतना भी मत मुस्कुराना,
नजर लग जाए जमानेकी...
हर आँख मेरी तरह,
मोहब्बत भरी नहीं होती...!!!
Never Smile in such a Way
That it becomes Eye Catching for Society,
Not every Sight like me
Is Full of Affection...!!!