Showing posts with label हसीन होठ नजर चुम गुस्ताख पर्दे शायरी. Show all posts
Showing posts with label हसीन होठ नजर चुम गुस्ताख पर्दे शायरी. Show all posts

17 February 2017

978 हसीन होठ नजर चुम गुस्ताख पर्दे शायरी


978
अपने हसीन होठोंको,
किसी पर्देमें छिपा लिया करो फ़राज़।
हम गुस्ताख लोग हैं,
नजरोंसे चुम लिया करते हैं......