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17 January 2019

3781 - 3785 ज़िन्दगी तलाश चाहत याद दुश्मन चुनाव दुआ नूर इबादत रिश्ता दर्द दिल शायरी


3781
दिलमें चाहतका होना जरूरी हैं...
वरना,
याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं...!

3782
हर शाम उड़ते परिंदोंको देखकर
दिलसे ये दुआ निकलती हैं...!
की घर किसीका उजड़े,
ज़िन्दगी तलाश करते - करते...!

3783
"इतना आसान नहीं
खुदाकी इबादत करना,
दिलसे गुरुर जायेगा
तभी नूर आयेगा।"

3784
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते,
खुदको खो दिया हमने अपनोंको पाते पाते;
लोग कहते हैं दर्द हैं मेरे दिलमें,
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते...

3785
काश के दिलोंका भी,
चुनाव होता यारो 
साला पता तो चलता,
किसके दिलमें कितने रहते हैं ।।