26 March 2017

1145 ख़ुशी गम बिक लोग गलतफहमी मरहम शायरी


1145
बिकती हैं ना ख़ुशी कहीं,
ना कहीं गम बिकता हैं...
लोग गलतफहमीमें हैं,
कि शायद कहीं मरहम बिकता हैं...

1144 शुक्र आँसु रंग तकिये राज खोल शायरी


1144
शुक्र हैं खुदा,
इन आँसुओंका,
कोई रंग नहीं होता;
वरना ये तकिये,
हमारे कई राज खोल देते...

1142 वक़्त नूर छोटे जख्म नासूर वक़्त मजबूर चाहत दूर शायरी


1142
वक़्त नूरको बेनूर बना देता हैं,
छोटेसे जख्मको नासूर बना देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनोंसे दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता हैं . . .

1143 आज लिख पता हैं तू ढुंड अल्फाज शायरी


1143
, आज लिख दूँ,
कुछ तेरे बारेमें...
पता हैं तू ढुंडता हैं खुदको ;
मेरे अल्फाजोंमें...

1141 दिन बीत कहानी यादें निशानी रिश्ते होठ मुस्कान बन आँख पानी शायरी


1141
दिन बीत जाते हैं कहानी बनकर,
यादें रह जाती हैं निशानी बनकर,
पर रिश्ते हमेशां रहते हैं…
कभी होठोंकी मुस्कान बनकर,
तो कभी आँखोंका पानी बनकर… !

25 March 2017

1140 ज़िन्दगी मोहब्बत हसीन नफरत दुनियाँ मोड़ शायरी


1140
बड़ी हसीन थी ज़िन्दगी जब,
ना किसीसे मोहब्बत थी,
ना किसीसे नफरत थी....!
फिर ज़िन्दगीमें एक ऐसा मोड़ आया
कि मोहब्बत एकसे और
नफरत सारी दुनियाँसे हो गयी…!!!

1138 मोहब्बत याद रख फासले शायरी


1138
याद रखते हैं हम आज भी,
उन्हें पहलेकी तरह;
कौन कहता हैं फासले,
मोहब्बतकी याद मिटा देते हैं।

1139 जिंदगी हमसफर पूरी हमसफर चंद लम्हा शायरी


1139
एक हमसफर वो होता हैं,
जो पूरी जिंदगी साथ निभाये..,
और एक हमसफर वो जो,
चंद लम्होमें पूरी जिंदगी दे जाये !

1137 सौदा ख़्वाब नींद शायरी


1137
सौदा कुछ ऐसा किया हैं
तेरे ख़्वाबोंने मेरी नींदोंसे,
या तो दोनों आते हैं,
या कोई नहीं आता...।

1136 घड़ी फितरत अजीब टिक शायरी


1136
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं,
मगर...,
ना खुद टिकती हैं और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं !

24 March 2017

1135 ख़ुशी गम चाहत शायरी


1135
ख़ुशी कहाँ, हम तो...
"गम" चाहते हैं,    
ख़ुशी उन्हे दे दो,
जिन्हें "हम" चाहते हैं...!

1133 दिल अदला-बदली तड़प समझ मुस्कुरा बगैर धोखा शायरी


1133
"चलो दिलकी,
अदला-बदली कर लेते हैं...
तड़प क्या होती हैं,
ये तुम भी समझ जाओगे l"

1134 मुस्कुरा बगैर धोखा शायरी


1134
एक धोखा,
खुदको दे देता हूँ,
बगैर उनके,
मुस्कुरा जो लेता हूँ…

1132 सब्रकी उँगली पकड़ रास्ते हैरान शायरी


1132
फिर यूँ हुआ कि,
सब्रकी उँगली पकड़कर हम
इतना चले कि,
रास्ते हैरान हो गए

1131 दुनियाँ बदल अकेला अक्सर गिरके संभल पकड़ हाथ शायरी


1131
यूँ तो अकेला भी अक्सर,
गिरके संभल सकता हूँ मैं...
तुम जो पकड़ लो हाथ मेरा,
दुनियाँ बदल सकता हूँ मैं.......

23 March 2017

1130 अधिक खामोश बोल यादें शायरी


1130
अधिकतर खामोशसा रहता हूँ !
मुझमें बोलती रहती हैं यादें उनकी !!

1129 हँसते लोग संगत इत्र दुकान खरीद रूह महक शायरी



1129
हँसते हुए लोगोंकी संगत,
इत्रकी दुकान जैसे होती हैं,
कुछ ना खरीदो, फिर भी...
रूह महका देते हैं।

1128 मतलबी धोखेबाज़ चाह समझ बात धोखा शायरी


1128
हम उनके जैसे मतलबी और
धोखेबाज़ नहीं हैं,
जो की चाहनेवालोंको धोखा दे,
बस वो ये समझ ले,
की हमें समझना,
हर किसीके बसकी बात नहीं.....

1127 इश्क अजीब इन्सान जीता शायरी


1127
इश्क भी अजीब होता हैं
अपनोंको खोकर मीलता हैं
फिरभी इश्कमें ही इन्सान जीता हैं
तभी तो उसे इश्क कहते हैं
इश्क इश्क हैं...
ये इश्क इश्क ये इश्क इश्क हैं इश्क।

1126 वाकीफ मशहूर तौरतरीके जिद्द अंदाज जीने शायरी


1126
वाकीफ तो हम भी हैं,
मशहूर होनेके तौरतरीकोंसे
पर जिद्द तो,
अपने अंदाजसे जीनेकी हैं