17 December 2019

5191 - 5195 इज़ाज़त फुर्सत याद रिश्ते बाते वक़्त शायरी


5191
इज़ाज़त हो तो लिफाफेमें रखकर,
कुछ वक़्त भेज दूं...
सुना हैं कुछ लोगोंको फुर्सत नहीं हैं,
अपनोंको याद करने की.......!

5192
दवाईयाँ वक़्तपर,
मिलती नही;
और रिश्ते वक़्त-वक़्त पर,
चोट देते रहते हैं.......

5193
कभी मिल जाए कहीं वो कारीगर,
तो मिलाना ज़रूर...
जिसने घड़ी बनायी उसे,
वक़्त रोकना भी आता होगा.......

5194
कुछ रिश्तें...
सिर्फ़ एक ही चीज़ माँगते हैं,
और वो हैं "वक़्त"...!!!

5195
किसीने क्या खूब लिखा हैं...
वक़्त निकालकर,
बाते कर लिया करो अपनोंसे;
अगर अपने ही रहेंगे,
तो वक़्तका क्या करोगे.......?

16 December 2019

5186 - 5190 सुकून ताल्लुक साजिश मसरूफ तोहफ़े रिश्ते बाते समय वक़्त शायरी


5186
तु मिले, ना मिले,
वक़्तकी बात है...
सुकून बहोत मिलता है,
तुम्हे सोचकर.......!

5187
ना कमजोर हुआ मेरा तुमसे ताल्लुक,
ना कही और हुए सिलसिले मजबूत...
ये वक़्तकी साजिश है;
कभी तुम मसरूफ, तो कभी हम मसरूफ...

5188
मुझे महँगे तोहफ़े बहुत पसंद है...
अगली बार यूँ करना...
ज़रासा वक़्त ले आना.......!

5189
किसी रिश्तेमें निखार,
सिर्फ अच्छे समयमें हाथ मिलानेसे नहीं आता;
बल्कि...
नाज़ुक समयमें हाथ थामनेसे आता है...!

5190
सच्चाई के इस जंगमें,
कभी झूठे भी जीत जाते है...
समय अपना अच्छा हो तो,
कभी अपने भी बिक जाते है...

15 December 2019

5181 - 5185 हालात जिदंगी परख ज़ुर्रत चेहरे याद दुनिया नफरत वक़्त शायरी


5181
हालात है, वक़्त है,
या खुदा है.......
ये रह-रह के मुझे,
परखता कौन हैं...?

5182
करो ज़ुर्रत,
किसीके वक़्तपर हंसनेकी...
ये वक़्त है जनाब,
चेहरे याद रखता है...

5183
मैने वक़्तसे दोस्ती कर ली...
सुना है, ये अच्छे अच्छोंको
बदल देता है.......

5184
किसीने पूछा,
इस दुनियामें आपका अपना कौन हैं
मैने हंसकर कहा "वक़्त"

5185
रिश्ते निभानेके लिए,
जिदंगी छोटी पड जाती है...
पर पता नही कूछ लोग नफरतके लिए,
कैसे वक़्त निकाल लेते है.......!

13 December 2019

5176 - 5180 प्यार खशबू फ़िज़ा महक ख्याल याद बहाना जहर वक़्त शायरी


5176
हर वक़्त फ़िज़ाओंमें,
महसूस करोगे तुम...
मैं प्यार की खशबू हूँ,
महकूँगी ज़माने तक...!

5177
घंटो तक उनकी मौजूदगी,
एक तरफ...
जाते वक़्त उनका पलटके देखना,
एक तरफ.......!

5178
हर रोज हर वक़्त,
तेरा ही ख्याल...
ना जाने किस कर्जे की,
किस्त हो तुम.......!

5179
काश तुम भी तुम्हारी,
यादोकी तरह बन जाओ...
वक़्त देखो,  बहाना,
बस चले आओ.......!

5180
पिनेको तो पी जाऊ,
जहर भी उसके हाथोंसे मैं;
पर शर्थ है के गिरते वक़्त,
अपनी बाहो मैं वो संभाले मुझको...!

12 December 2019

5171 - 5175 दिल रिश्ते चेहरे दोस्त दुश्मन साजिश ख्वाहिश झूठ शायरी


5171
जरासा झूठ ही लिख दो,
कि तुम बिन दिल नहीं लगता...
हमारा दिल बहल जाए,
तो तुम फिर से मुकर जाना...!

5172
सचके चेहरेमें,
यहाँ झूठके फसाने देखे;
दुश्मनों को जब गौरसे देखा,
उनमे कई दोस्त पुराने देखे...

5173
कुछ अजीब है ये दुनिया,
यहाँ झूठ नहीं...
सच बोलनेसे,
रिश्ते टूट जाते है.......

5174
झूठ पकडना कितना,
मुश्कील होता है,
सच भी जब साजिशमें,
शामिल होता है...!

5175
सत्यको ख्वाहिश होती है,
कि सब उसे जान ले...
और,
झूठको हमेशा डर लगता है,
कि कोई उसे पहचान ले...

5166 - 5170 खैरियत असर शिकायते यकिन आँखे नजारा लफ़्ज़ खफा झूठ शायरी


5166
कौन कहता है कि,
हम झूठ नही बोलते;
एक बार,
खैरियत तो पूछके देखिये...!

5167
झूठ कहते हैं कि,
संगतका असर होता है...
आज तक ना काँटोंको,
महकनेका सलीका आया,
और ना फूलोंको चुभना आया

5168
अब शिकायते तुम से नहीँ,
खुदसे है...
माना के सारे झूठ तेरे थे,
लेकिन उन पर यकिन तो मेरा था...

5169
आँखे झूठ, नजारा झूठ,
यानी जो है वो सारा झूठ...
हमको आज कहो फ़िर अपना,
बोलो आज दुबारा झूठ......!

5170
झूठ कहूँ तो,
लफ़्ज़ोंका दम घुटता है...
सच कहूँ तो,
लोग खफा हो जाते हैं.......!

11 December 2019

5161 - 5165 प्यार इश्क मोहब्बत ज़िन्दगी राहत अदब नफरतें महफ़िल तमन्ना हंसी शायरी


5161
इश्क करने चला है,
तो कुछ अदब भी सीख लेना;
इसमें हँसते साथ है,
पर रोना अकेले ही पड़ता है...

5162
नफरतें लाख मिलीं, पर मोहब्बत मिली;
ज़िन्दगी बीत गयी, मगर राहत मिली;
तेरी महफ़िलमें, हर एकको हँसता देखा,
एक मैं था जिसे, हँसनेकी इजाज़त मिली...

5163
शामको तेरा हँसके मिलना,
दिन भरकी तनख्वाह है मेरी...!

5164
प्यारसे कहो तो आसमान मांग लो, 
रूठ कर कहो तो मुस्कान मांग लो;
तमन्ना यही है कि यारी मत तोड़ना,
फिर चाहें हँसकर हमारी जान मांग लो...

5165
यूँ ही अपने होंठोंको,
झूठी हंसीसे संभाल लेता हूँ...
अंदरसे इतना टूटा हूँ,
फिरभी खुदपे पर्दा डाल लेता हूँ...

10 December 2019

5156 - 5160 मोहब्बत गुजारिश सिफारिश चेहरे ज़िन्दगी जिद्द हंसी शायरी


5156
मैने जब भी,
रबसे गुजारिश की है;
तेरे चेहरेपे हंसीकी,
सिफारिश की है...!

5157
उतरकर पानीमें,
फिर वो हंसके बोली...
देखो इसे कहते हैं,
पानी में आग लगाना...!

5158
कोई ठुकरा दे तो,
हंसके सह लेना;
मोहब्बत की ताबितमें,
ज़बरदस्ती नहीं होती...!

5159
मैने उससे कहाँ,
छोड़ दो या तोड़ दो मुझे,
उसने हंसकर गले लगाया और कहाँ,
छोड़ रही हूँ आज तुम्हे,
टूट तो तुम खुद जाओगे...


5160
जितना चाहे रूला दे मुझको,
तूँ जिन्दगी...
हंसकर गुजार दूँगा तुझको,
ये मेरी भी जिद्द है.......!

8 December 2019

5151 - 5155 दिल बेबसी दुनिया हिचकी उलझन नजर याद आँसू एहसास आँखे शायरी


5151
हिचकीयाँ दिलाकर,
ये कैसी उलझन बढा रहे हो...
आँखे बंद है,
फिर भी नजर रहे हो.......!

5152
सुबह होते ही,
जब दुनिया आबाद होती है;
आँख खुलते ही,
आपकी याद आती है...!

5153
रो लेते हैं कभी कभी ताकि,
आँसुओं को भी कोई शिकायत ना रहे !!!

5154
लिखना था की,
खुश हूँ तेरे बिना, पर...
आँसू ही गिर पड़े आँखोंसे
लिखनेसे पहले.......!

5155
कैसे बयान करे आलम दिलकी बेबसीका,
वो क्या समझे दर्द आँखोंकी नमीका;
उनके चाहने वाले इतने हो गये की,
उन्हे एहसास नहीं हमारी कमीका...

5146 - 5150 हालात फ़रियाद ज़माना मंजर खयाल लब ज़िगर निगाहें शायरी


5146
सुरमे की तरह पीसा है,
हमें हालातोंने...
तब जा के चढ़े है,
लोगोंकी निगाहोंमें.......

5147
फ़रियाद कर रही है,
तरसती हुई निगाहें...
देखे हुए किसीको,
ज़माना गुज़र गया...!

5148
निगाहें आज भी टकटकी लगाये है,
उस मंजर पर.......
जहाँ तुमने कहाँ,
रूको, हम लौटकर आते है...!

5149
निगाहोंसे,
कितना दूर करोगे...
खयालोंसे दूर करो,
तो मान लूँ.......!

5150
लब थरथराके रह गए,
लेकिन वो, ' ज़िगर'...
जाते हुए भी,
निगाह मिलाकर चले गए.......!

7 December 2019

5141 - 5145 ज़िन्दगी आशिकी गज़ब मजबूर सलाम महफ़िल नज़र गजल नज्म कत्ल निगाहें शायरी


5141
गज़बकी आशिकी है,
इन निगाहोमें...
जब भी देखती है,
डूबनेको मजबूर कर देती है...!

5142
बैठे है महफ़िलमें,
इसी आसमें की...
वो निगाहें उठाएं तो,
हम सलाम करे.......!

5143
उसकी निगाहोंमें,
इतना असर था की...
खरीद ली उसने एक नज़रमें,
ज़िन्दगी मेरी.......

5144
गजलके नज्म,
जैसा है तेरा चेहरा;
निगाहें शेर पढ़ती है,
तो लब इरशाद कहते है...!

5145
धारा तीनसौ सात लगनी चाहिए,
तेरी निगाहों पर...
यूँ देखना भी कत्लकी,
कोशिशों में शुमार होता है.......!