13 December 2019

5176 - 5180 प्यार खशबू फ़िज़ा महक ख्याल याद बहाना जहर वक़्त शायरी


5176
हर वक़्त फ़िज़ाओंमें,
महसूस करोगे तुम...
मैं प्यार की खशबू हूँ,
महकूँगी ज़माने तक...!

5177
घंटो तक उनकी मौजूदगी,
एक तरफ...
जाते वक़्त उनका पलटके देखना,
एक तरफ.......!

5178
हर रोज हर वक़्त,
तेरा ही ख्याल...
ना जाने किस कर्जे की,
किस्त हो तुम.......!

5179
काश तुम भी तुम्हारी,
यादोकी तरह बन जाओ...
वक़्त देखो,  बहाना,
बस चले आओ.......!

5180
पिनेको तो पी जाऊ,
जहर भी उसके हाथोंसे मैं;
पर शर्थ है के गिरते वक़्त,
अपनी बाहो मैं वो संभाले मुझको...!

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