11 February 2017

958


शक ना कर मेरी मुहब्बत पर पगली.......
अगर मै सबूत देने पर आया तो .....
तु बदनाम हो जायेगी...!!!

957


हमने लिया सिर्फ होंठोंसे
जो तेरा नाम…
दिल होंठो से उलझ पड़ा
कि ये सिर्फ मेरा है !

956


वादे  पे  वो  ऐतबार  नहीं करते
हम  जिक्र  मोहब्बत  सरे  बाजार  नहीं  करते
डरता है  दिल  उनकी  रुसवाई  से
और  वो  सोचते  हैं  हम  उनसे  प्यार  नहीं  करते ।।

10 February 2017

955


लोग मुझ से मेरी,
उदासी की वजह पूंछते है फ़राज़।
इजाजत हो तो...
तेरा नाम बात दूँ.......

954


वाकिफ है वो मेरी,
हर कमजोरी से फ़राज़।
वो रो देती है...
और मैं हार जाता हूँ.......

953


टूटे हुए दिल मे रहने की,
कोशिश ना कर फ़राज़।
क्योंकी सूखे हुए पेड़ पर तो,
परिन्दे भी बसेरा नही करते.......

952


जो उड़ गए परिंदे,
उनका मलाल क्या करूँ फ़राज़। 
यहां तो पाले हुए भी,
ग़ैरों के छतों पर उतरते है.......

951


अब क्या फायदा,
बारिशों के बरसने का फ़राज़,
वो शख्स ही पास नही,
जो सीने से लगता था...
बिजलियों की डर से II

9 February 2017

950


उससे कह दो मेरी सज़ा
कुछ कम् करदे फ़राज़।
मैं पेशेवर मुज़रिम नही हूँ.......
गलती से इश्क़ हुआ है ll

949


कितना खुबसुरत है
उसका मेरा रिश्ता...
उसने कभी बांधा
हमने कभी छोड़ा.....

948


अपने हर लफ्ज़ में
कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिर भी
असर रखते हैं हम...!

947


जी चुके हैं उन के लिये
जो मेरे लिये सब कुछ थे...
अब जीना है उनके लिये,
जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ...

946


"जिंदगी तुझसे हर कदम पर
समझौता क्यों किया जाए,
शौक जीने का है मगर
इतना भी नहीं के मर मर कर जिया जाए..."

945


आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन...
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे...

944


है किस्मत हमारी आसमान में,
चमकते सितारे जैसी
लोग अपनी तमन्ना के लिए,
हमारे टूटने का इंतज़ार करते है

943


इश्क एक बात कहूँ बूरा तो नहीं मानोगे
बहुत राहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले

942


जुबां खामोश,आँखों मे नमी होगी,
यही बस मेरी दस्तान--जिन्दगी होगी...
भरने को तो हर जख्म भर जाऐगा,
कैसे भरेगी वो जगह जहा तेरी कमी होगी...

941


उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ
किसी से हमदर्दी की
बड़े प्यार से जख्म देते हैँ
शिद्दत से चाहने वाले!

8 February 2017

940


जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते ,
वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब...
बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँ बनायी ,
जिसे कहते हैं ख्वाब...!!! 

939


माना की उसके प्यार का
मालिक नहीं हूँ मैं ,
पर किरायेदार का भी कुछ
हक़ तो बनता हैं ॥