11 February 2017

957 दिल नाम उलझ होंठ शायरी


957
हमने लिया सिर्फ होंठोंसे,
जो तेरा नाम…
दिल होंठोंसे उलझ पड़ा,
कि ये सिर्फ मेरा हैं !

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