25 February 2017

1007 उलफ़त ख़ुदगर्ज़ हक़ीक़त शायरी


उलफ़त बदल गयी.......
कभी नीयत बदल गयी  !!!
ख़ुदगर्ज़ जब हुए.......
तो फिर सीरत बदल गयी !!!
अपना क़ुसूर..........
दूसरों के सर पे डाल कर,,,
कुछ लोग सोचते हैं.....
हक़ीक़त बदल गयी    !!!!!

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