11 February 2017

960 रात शाम याद बात साँस खामोश आवाज़ शायरी


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रात हुई जब शामके बाद,
तेरी याद आई हर बातके बाद,
हमने खामोश रहकर भी देखा,
तेरी आवाज़ आई हर साँसके बाद !

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