20 February 2017

994 इश्क अकल मुकद्दर जुनून चीज शायरी


994
अकलवालोंके मुकद्दरमें,
ये जुनून कहाँ...
हम इश्कवाले हैं,
जो हर चीज लुटा देते हैं......!

No comments:

Post a Comment