4 February 2017

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लम्हों की एक कीताब है जिंदगी,
सासौं और ख्वाबों का हिसाब है जिंदगी,
कुछ जरुरते पुरी कुछ ख्वायीशे अधुरी
इन्ही सवालोंका जवाब है जिंदगी।

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