26 February 2017

1014 दिल रोज सजता नादान दुलहन गम रोज बारात शायरी


1014
दिल तो रोज सजता हैं,
एक नादान दुलहनकी तरह;
और गम रोज चले आते हैं,
बाराती बनकर......!!!

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