6 February 2017

929 मोहब्बत दुनियाँ दस्तूर अजीब शायरी


929
तेरी दुनियाँका यह दस्तूर भी,
अजीब हैं "ए खुदा"...
मोहब्बत उनको मिलती हैं...
जिन्हें करनी नहीं आती...!

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