19 February 2017

987 दिल तड़प लम्हे याद खामोश नज़र भीगी पलक मुस्करा शायरी


987
दिल तड़पता रहा और वो जाने लगे,
संग गुज़रे हर लम्हे याद आने लगे,
खामोश नज़रों से देखा जो उसने मुडकर,
भीगी पलकों से हम भी मुस्कराने लगे !

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