6 February 2017

930 आसान समझ शायद पन्ने छोड़ पढ़ शायरी


930
इतना, आसान हूँ कि,
हर किसीको समझ आ जाता हूँ,
शायद तुमने ही...
पन्ने छोड़ छोड़कर पढ़ा हैं मुझे…!!

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